अयोध्या 27 सितम्बर । रामनगरी अयोध्या में रामलला के भव्य राम मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है। पहले चरण का काम दिसंबर के अंत तक पूरा होने की संभावना है। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा अगले साल 22 जनवरी को होगी। 20 से 24 जनवरी के बीच किसी भी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे जुड़े समारोह में शामिल होंगे। अब इस बात की भी जोरों पर चर्चा है कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी रामलला के दर्शन कर सकते हैं।इस चर्चा के पीछे राजीव गांधी फाउंडेशन के सीईओ की गुपचुप अयोध्या यात्रा है।
यह चर्चा राजीव गांधी फाउंडेशन के सीईओ विजय महाजन की अयोध्या यात्रा के बाद शुरू हुई।कुछ दिन पहले विजय महाजन अयोध्या आए थे।बताया जा रहा है कि विजय ने महाजन ने रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास से मुलाकात की है।इसके बाद से यह चर्चा चल पड़ी कि राजीव गांधी फाउंडेशन के सीईओ की यह यात्रा कहीं राहुल गांधी के रामलला के दर्शन के लिए जमीन तैयार करने के लिए तो नहीं थी।
राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने बताया कि चार पांच लोग आए थे।हम नहीं जानते कि उनका नाम क्या था। उन्होंने पूछा था कि राहुल जी अगर दर्शन करने आते हैं तो कैसे क्या होगा। इसपर हमने कहा कि आते हैं तो बहुत अच्छी बात है।हालांकि आने के समय के बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया।उन लोगों ने कहा कि वहां (दिल्ली) बातचीत होने के बाद फिर हम आपसे मिलेंगे और इस बारे में बात करेंगे।मैंने उनसे कहा कि ठीक है आप मिल लेना और निश्चित करके बताना।
बरहाल इस बात की पुष्टि अभी तक ना तो राहुल गांधी के करीबी सूत्रों की तरफ से हुई है ना ही पार्टी की तरफ से हुई, लेकिन राजीव गांधी फाउंडेशन के सीईओ की यात्रा ने चर्चा को जरूर हवा दे दिया है।
बताते चलें कि 2017 विधानसभा चुनाव के दरम्यान राहुल गांधी रामनगरी अयोध्या आए थे। राहुल गांधी हनुमानगढ़ी पहुंचकर बजरंगबली का दर्शन किया था लेकिन रामलाल का दर्शन नहीं किया था। 2019 के चुनाव में प्रियंका गांधी वाड्रा भी हनुमानगढ़ी पहुंचकर बजरंगबली का दर्शन किया था लेकिन रामलाल का दर्शन नहीं किया था।
तब कांग्रेस नेताओं का कहना था कि रामजन्मभूमि का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए वह लोग वहां नहीं गए, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है और राम मंदिर बन रहा है।ऐसे में कांग्रेस के शीर्षस्थ नेताओं को वहां जाने में कोई आपत्ति नहीं होगी।