यूपी : लखपति बन रही हैं ग्रामीण महिलाएं

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लखनऊ, 20 दिसम्बर। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशन में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण महिलाओं को संगठित करते हुए समावेशी विकास की दिशा में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। मिशन के द्वारा लगातार ग्रामीण दीदियों के उत्थान के लिए कई कार्य किये जा रहे हैं।

इसी क्रम में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा देश में 2 करोड़ स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं सदस्यों की वार्षिक आय को रुपये 1 लाख से अधिक करवाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशन में 28.92 लाख स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को आगामी तीन वर्षों में लखपति बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार लखपति महिला कार्यक्रम को लेकर अपने सम्बोधन में इसका जिक्र करते हैं और इसकी कार्य योजना की जानकारी भी लेते रहते हैं। इसमें वर्तमान में 10.46 लाख स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की वार्षिक आय को एक लाख या उससे अधिक करने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं इस लक्ष्य को पूर्ण करने हेतु लगातार प्रयास जारी हैं।

लखपति दीदी एप का सर्वे हुआ शत—प्रतिशत

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने वर्ष 2023 में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 75 लाख स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को ग्रामीण विकास मंत्रालय के लखपति दीदी एप पर आय के स्रोतों के सर्वे का कार्य शत—प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। इस सर्वे कार्य में उत्तर प्रदेश पूरे देश में अग्रणी रहा है। लखपति महिला कार्यक्रम के अंतर्गत सर्वे में प्राप्त परिणाम के क्रम में उत्तर प्रदेश 10.46 लाख महिलाएं वर्तमान में लखपति महिला की श्रेणी में आती हैं जोकि कुल स्वयं सहायता समूह के सदस्यों का 14 प्रतिशत है। इन सभी महिलाओं की आय में वृद्धि के लिए मिशन द्वारा बैंक ऋण, प्रशिक्षण, कौशल विकास एवं आजीविका संबंधी मूल्य वृद्धि करवाया गया है। इस सर्वे में 18.79 लाख स्वयं सहायता समूह के सदस्यों की वार्षिक आय रुपये 61 हजार से 1 लाख रुपये अंकित की गई थी एवं 33.15 लाख स्वयं सहायता समूह की सदस्य की वार्षिक आय रुपये 25 हजार से रुपये 60 हजार अंकित की गई थी।

भविष्य के लिए खाका तैयार

ग्रामीण महिलाओं के विकास के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य जी के निर्देशन में समूह की दीदियों को लखपति महिला बनाने के लिए भविष्य का खाका भी तैयार कर लिया है। इसी क्रम में जनपद वार लक्ष्य निर्धारित कर दिए गए हैं। इसे व्यवस्थित ढंग से पूर्ण करने हेतु वर्तमान में उन सभी स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को, जिनकी वार्षिक आय रुपये 61 हजार से रुपये 1 लाख अंकित की गई थी उन्हें विशेषकर लक्षित किया जा रहा है।

इन गतिविधियों के जुड़ेंगी महिलाएं

समूह की महिलाओं को लखपति बनाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा विभिन्न गतिविधियों जैसे — कृषि आजीविका, गैर कृषि आजीविका, टेक होम राशन प्लांट, बैंक सखी, विद्युत सखी, आजीविका सखी, बकरी पालन, मुर्गी पालन, महिलाओं की मूल्य वृद्धि शृंखला (वेल्यू चैन डेवेलपमेंट) की कंपनियों जिसमें दुग्ध विकास संबन्धित बलिनी, काशी एवं सामर्थ्य महिला दुग्ध उत्पादक कंपनियां, महिलाओं की हस्तशिल्प कंपनियां, मनरेगा पंचायती राज, उद्यान विभाग, कृषि विभाग के साथ अभिसरण के माध्यम से कार्य करते हुए महिलाओं को आजीविका के स्रोत एवं अवसर उपलब्ध कराये जायेंगे।

इस क्रम में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने 168 मास्टर ट्रेनर के दल का गठन कर लिया है जो लक्षित 36 हजार सामुदायिक रिसोर्स पर्सन (community resource person) के माध्यम से उक्त कार्य को ससमय पूर्ण करवाया जायेगा। इस कार्य की अद्यतन प्रगति को ग्रामीण विकास मंत्रालय के द्वारा विकसित किये जा रहे डैशबोर्ड द्वारा मिशन मुख्यालय स्तर पर समीक्षा की जाएगी।

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