— कोर्ट ने एक लाख का जुर्मना भी लगाया, गोलियों से भूनकर अवधेश राय की हत्या को दिया था अंजाम
— वर्तमान में बांदा जेल में बंद है माफिया मुख्तार
मुख्य संवाददता
वाराणसी, 03 जून। पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी पर कानून का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। सोमवार को विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत ने मुख्तार अंसारी व उसके अन्य साथियों को अवधेश राय हत्याकांड में दोषी मानते हुए उम्रकैद की जा सुनाई है। न्यायालय ने एक लाख का अर्थदण्ड भी लगाया है। 32 साल पहले दिनदहाड़े जिस तरह से अवधेश राय को मारा गया था, उससे पूरे शहर में हड़कंप मच गया था। मृतक के परिवारवालों ने डटकर कोर्ट में पैरवी की, जिसका नतीजा रहा कि, कोर्ट ने माफिया को अब तक की सबसे बड़ी सजा सुनाई।
लहुराबीर क्षेत्र में तीन अगस्त 1991 को पूर्व विधायक अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की घर के बाहर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अजय राय ने इस हत्याकांड को लेकर मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह व राकेश न्यायिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने अवधेश राय हत्याकांड में अपना फैसला सुना दिया। आरोपी मुख्तार अंसारी समेत अन्य को उम्रकैद की सजा के साथ जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट में अवधेश राय के परिवारवाले मौजूद थे। जबकि बांदा जेल से वीडियो काफ्रेंसिंग के जरिए मुख्तार अंसारी शामिल हुआ था।
विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में लंबित मुकदमे में पिछली सुनवाई पर मुख्य आरोपित पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी ने 41 पृष्ठ में अपनी लिखित बहस अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था। बचाव पक्ष ने अपनी लिखित बहस में वादी मुकदमा, एक अन्य गवाह व विवेचक द्वारा घटना का समय बताने को लेकर अभियोजन के दावे पर प्रश्न खड़ा किया था।
मुख्तार अंसारी के खिलाफ स्थानीय अदालत में तो राकेश न्यायिक के खिलाफ इलाहाबाद जिला न्यायालय में सुनवाई चल रही है। मुकदमे की सुनवाई के दौरान पूर्व विधायक अब्दुल कलाम व कमलेश सिंह की मौत हो चुकी है। इस प्रकरण की सुनवाई सबसे पहले बनारस की ही एडीजे कोर्ट में चल रही थी। 23 नवंबर 2007 को मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही अदालत के चंद कदम दूर ही बम ब्लास्ट हो गया।
एक आरोपी राकेश न्यायिक ने सुरक्षा को खतरा बताते हुए हाईकोर्ट की शरण ली और काफी दिनों तक सुनवाई पर रोक लगी रही। इसके बाद मामले को प्रयागराज जिला अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया। वाराणसी में एमपी—एमएलए की विशेष कोर्ट के गठन होने पर मुकदमे की सुनवाई यहां शुरू हुई। राकेश न्यायिक की पत्रावली अभी भी प्रयागराज में ही लंबित है।
बीते एक साल में मुख्तार अंसारी को चार मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। इनमें गैंगस्टर व अन्य मामले हैं। वहीं मुख्तार अंसारी की पत्नी पर भी कई मुकदमे दर्ज हैं और वह फरार है। पुलिस की तरफ से मुख्तार अंसारी की पत्नी पर 75 हजार रूपये का इनाम रखा गया है। जबकि मुख्तार अंसारी का बड़ा बेटर जेल में है। बहू भी सलाखों के पीछे है। छोटा बेटा फरार चल रहा है। बड़े भाई अफजल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के तहत चार वर्ष की सजा सुनाई गई है। वह भी जेल में बंद है।
कचहरी परिसर में सुरक्षा को लेकर पूर्व मंत्री अवधेश राय भी कई बार चिंता जता चुके हैं। 23 नवंबर 2007 को मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही कचहरी परिसर में हुए सिलसिलेवार बम धमाका कांड के बाद मुकदमे को इलाहाबाद (वर्तमान में प्रयागराज) के जिला न्यायालय स्थानांतरित कर दिया गया थे। घटना वाले दिन ही अजय राय गवाही देने के लिए अदालत में उपस्थित थे। बनारस में विशेष न्यायालय (एमपी-एमएलए) बनने के बाद मुख्तार अंसारी की एक अलग पत्रावली तैयार कर यहां की अदालत में भेज दी गई।
कचहरी परिसर की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई मुख्तार अंसारी के खिलाफ लंबित मुकदमे के आने वाले फैसले के मद्देनजर कचहरी परिसर की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। तीन थानों की फोर्स को तैनात किया गया है। वहीं शहर में भी सतर्कता का निर्देश दिया गया है। मिश्रित आबादी वाले इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है। पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन के अनुसार कचहरी परिसर से लेकर पूरे शहर में सुरक्षा की तगड़ी व्यवस्था की गई है। थानेदारों को उनके क्षेत्रों में गश्त करने का निर्देश दिया गया है।