अयोध्या, 23 जनवरी। सैकड़ों वर्षों का इंतजार खत्म हो गया है 22 जनवरी 2024 नए काल चक्र के उद्गम के रूप में इतिहास के पन्नो में अपनी जगह बना चुकी है जिसे मिटाया नहीं जा सकता है। देश के प्रधानमंत्री और देश के सभी विशिष्ट गणों की उपस्थिति में टेंट से भव्य न्दिर में राम लला विराजमान हो गये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवन की प्राण प्रतिष्ठा कर उनको विराजित कर दिया है। आस्था के समुद्र में डूबा हर राम सेवक आम लला के दर्शन के लिए आतुर है। यही कारण है की प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन ही एक श्रद्धालुओं का जन सैलाब अयोध्या में राम के दर्शन के लिये मन्दिर की ओर बढ़ा जा रहा है। यह नजारा प्रयागराज के कुंभ की तरह नजर आ रहा है। जहां सिर्फ श्रद्धलुओं के शरीर का एक भाग ही सकड़ों पर दिखाई देता है वो उनका सर होता है। ऐसा ही कुछ अयोध्या धाम में देखने को साफ़ मिल रहा है।
पांच सौ वर्षों का इंतजार करते-करते न जाने कितनी पीढ़ियों ने इस आस में अपने जीवन को समाप्त कर लिया की काश इस दिन के साक्षी वो भी हो सकें जिसके साक्षी 22 जनवरी के दिन राम लला में मौजूद लोग हुए हैं। इस दिन प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा हुई है और देश में दीपावली का उत्सव मनाया गया है। शाम को घरों में दिए जलाये गए हैं और मंगलदीप गाये गये हैं। अब देश और विदेश में रहने वाला हर राम भक्त प्रभु को अपनी नजरों लिये आतुर नजर आ रहा है। यही कारण है कि प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन ही श्रद्धालुओं का जन सैलाब अयोध्या में दर्शन के लिये उमड़ पड़ा है। यह नजारा अब लगातार देखने को मिलने वाला है।
पहली आरती के हुये दर्शन
प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रभु के दर्शन के लिये आये उन सभी श्रद्धालुओं के लिये सौभाग्य का दिन था की उनको पहली आरती के दर्शन प्राप्त हुये। मंदिर के पुजारियों ने प्रभु के वस्त्रों को बदलकर उनका भव्य श्रृंगार किया। उनकी आरती के साथ प्रभु को भोग लगाया गया। इस आरती को एलईडी के माध्यम से बाहर खड़े श्रद्धालुओं को भी दिखाया गया।