मुख्य संवाददाता
अयोध्या, 16 जनवरी। रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी अंतिम चरण में हैं। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरे देश में उत्सव का माहौल है। इन तैयारियों के बीच भगवान राम की में मूर्ति सूर्य तिलक की सामने आ रही है। आखिरकार सूर्य तिलक क्या होता है।सूर्य तिलक को लेकर इतनी चर्चा क्यों हो रही है। भगवान राम को सूर्य तिलक कब और किस समय किया जाएगा। इन सभी सवालों का जवाब आज मिलने वाला हैं।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम सूर्यवंशी थे, इस लिए सूर्य तिलक की परंपरा है। नव निर्मित भव्य राम मंदिर में एक ऐसा सिस्टम तैयार किया गया है, जो सूर्य के प्रकाश या दर्पण और लेंस का प्रयोग कर तैयार किया गया है,जिससे गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति के माथे पर तिलक की किरण प्रकाशमान होगी। रामनवमी के मौके पर सूर्य की किरणे भगवान राम के मस्तिष्क पर पड़ेंगी, जिससे उनका सूर्य तिलक होगा।
भगवान राम की प्रतिमा पर सूर्य तिलक कब और किस समय होगा इसको लेकर राम मंदिर निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा का कहना है कि हर राम नवमीं की तिथि पर सूर्य की किरण भगवान राम की प्रतिमा के मस्तिष्क पर तिलक करेंगी। नृपेन्द्र मिश्रा ने बताया कि रामनवमी पर दोपहर 12 सूर्य की किरणे भगवान राम के मस्तिष्क पर तिलक करेंगे।हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजूदास ने बताया कि भगवान श्रीराम सूर्यवंशी थे इसलिए सूर्य तिलक की पंरपरा है।
केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान के एक प्रोफेसर ने बताया कि राम मंदिर की संरचनात्मक डिजाइन, सूर्य तिलक और संरचनात्मक स्वास्थ्य निगरानी का कार्य संस्था के वैज्ञानिकों ने किया है। राम मंदिर निर्माण में लगे एक वैज्ञानिक ने बताया कि हर साल राम नवमीं के दिन भगवान राम की मूर्ति के माथे पर सूर्य की किरणों से तिलक होगा। इसके लिए राम मंदिर के तीसरी मंजिल से लेकर भगवान रामकी मूर्ति तक पाइपिंग और आप्टो मैकेनिकल सिस्टम से सूर्य की किरणों को पहुंचाया जाएगा।