अयोध्या, 22 जनवरी । अयोध्या में भव्य राम मंदिर में प्रभु श्री राम के बाल रूप के विग्रह का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को समपन्न हो गया। टीवी, मोबाइल जैसे माध्यमों से पूरे देश और दुनिया ने रामलला की अद्भुत छवि के दर्शन किए हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रामलला के गर्भगृह के अंदर पूजा अर्चना की। पूजा करने के बाद मंदिर से बाहर आकर मोहन भागवत ने कहा कि सारे कलहों को विदाई देनी होगी। लड़ाई करने की आदत छोड़नी पडे़गी। आपस में हम सबको समन्वय से चलना होगा। पीएम नरेंद मोदी के तप के बाद अब हमें तप करना है।
आरएसएस प्रमुख ने कहा आज पूरा देश भाव विभोर
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आज पूरा देश भाव विभोर है। इस दौरान भागवत ने पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने आज की पूजा के लिए कठोर व्रत रखा है। उन्होंने पीएम मोदी को एक तपस्वी बताते हुए कहा कि अब हम सबको मिलकर तप करना है। एकता बनाकर रखनी है। उन्होंने आगे कहा कि आज रामलला 500 सालों बाद आए हैं। आज के आनंद का शब्दों में वर्णन नहीं हो सकता। इस आनंद को पाने के लिए पिछले 500 सालों में कितने ही लोगों ने खून-पसीना बहाया है। उनके लिए हम सभी कृतज्ञ हैं।
आरएसएस प्रमुख ने कहा भारत का स्वाभिमान लौट आया
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि रामलला के साथ भारत का स्वाभिमान लौट आया है। उन्होंने कहा कि देश भर के छोटे-छोटे मंदिर में रामभक्तों के अंदर भारी उत्साह की लहर है। भागवत ने गांधी के विचारों को साझा करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि लोभ नहीं करना चाहिए बल्कि हम सभी को अनुशासन में रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामाजिक जीवन में नागरिक अनुशासन का पालन करना ही देशभक्ति है। इस दौरान उन्होंने सभी को एकता का संदेश दिया सभी को वाणी, मन और वचन से एक होने का आग्रह किया।
आरएसएस प्रमुख ने कहा इसकी वजह अयोध्या में कलह हो रही थी
आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि भगवान राम को 14 साल के लिए वनवास जाना पड़ा था, इसकी वजह अयोध्या में हो रही कलह थी। इस बार भी प्रभु राम दुनिया की कलह को मिटाकर वापस आए हैं। इस बार 500 साल लगे हैं। लेकिन अब राम वापस आए हैं तो हम सभी को कलह को भी विदाई देनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे विवाद होते रहते हैं लेकिन उन्हें लेकर हमे लड़ाई करने की आदत को छोड़ना होगा। राम राज्य आने वाला है इसलिए हमें भी सभी कलह को दूर करना होगा। राम में कोई अहंकार नहीं था, वह धर्म पथ पर चलने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि हमें भी अब सेवा परोपकार की भावना के साथ रहना होगा और जहां भी जरुरत लगे वहां दूसरों की मदद करनी होगी।
आरएसएस प्रमुख ने कहा आज रामलीला वापस फिर से आए
आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश के आदरणीय मुख्यमंत्री जी, आदरणीय राज्यपाल महोदय जी, देश के आज विद्यमान सभी पथ संप्रदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले हमारे संत ऋषि आचार्य और प्रधानमंत्री जी द्वारा अपने वक्तव्य में इस स्वर्णिम पलों का वर्णन कर चुके हैं। आज रामलीला वापस फिर से आए हैं। त्याग तपस्या प्रयासों से यह सोने का दिन आज हम देख रहे हैं। भागवतने कहा कि हम लोगों ने कहा आपने सुना हो पारण किया कि तपस्या को उनके इतिहास को उनके परिश्रम को सदाबहार राम लाल के यहां इस युग में आज के दिन फिर वापस आने का इतिहास जो जो श्रवण करेगा। वह राष्ट्र के लिए कम प्रमाण होगा और उसके राष्ट्र का सब दुख हरण होगा।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा मंदिर के गर्भगृह में करा दी गई
शुभ मुर्हूत में सोमवार को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा मंदिर के गर्भगृह में करा दी गई। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में पीएम नरेंद्र मोदी, संघ प्रमुख भागवत और सीएम योगी यजमान बने। इससे पहले जब पीएम नरेंद्र मोदी ने मंदर में प्रवेश किया तो वह चांदी का छत्र लेकर राम मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में साधुओं से आशीर्वाद लिया। जिसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रधानमंत्री मोदी को अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति भेंट की। प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला को दंडवत प्रणाम किया। पीएम मोदी ने साष्टांग प्रणाम के बाद परिक्रमा भी की। इसके बाद मंदिर का भ्रमण किया।