कानपुर, 28 दिसम्बर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कैलाश भवन प्रेक्षागृह में आज कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में 25वें दीक्षांत समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर 62 मेधावियों को पदक एवं पुरस्कार दिए गए। कुल 599 छात्र छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गई। उपाधियां और मेडल पाकर छात्र-छात्राएं झूम उठे।
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 14 छात्र छात्राओं को कुलाधिपति स्वर्ण पदक तथा 14 छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय रजत पदक, 13 छात्र छात्राओं को विश्वविद्यालय कांस्य पदक एवं 21 छात्र छात्राओं को प्रायोजित स्वर्ण पदक से नवाजा गया। इस अवसर पर पारितोषिक स्वरूप छात्रा अंशिका शुक्ला एवं छात्र आकाश कुमार कमल को रुपया 50000 का चेक भी दिया गया। प्रदेश की राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल, मुख्य अतिथि जी आर चिंताला पूर्व अध्यक्ष राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) और विशिष्ट अतिथि राज्यमंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान बलदेव सिंह औलख एवं मंडवा प्रभाकर राव अध्यक्ष एवं मैनेजिंग डायरेक्टर नुजीवीडू सीड्स लिमिटेड हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह ने मेधावियों को पदक दिए।
इस दौरान पीएचडी डिग्री धारकों की तस्वीर कुलाधिपति महोदया एवं अतिथियों के साथ ली गई। इस अवसर पर एक से अधिक पदक कई छात्र छात्राओं को मिले। इस अवसर पर नुजीवीडू सीड्स लिमिटेड हैदराबाद के अध्यक्ष एवं मैनेजिंग डायरेक्टर श्री मंडवा प्रभाकर राव को कुलाधिपति महोदया द्वारा मानद उपाधि से विभूषित किया गया। राज्यपाल एवं कुलाधिपति द्वारा इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए प्राथमिक विद्यालय नवीन रावतपुर के 30 छात्र-छात्राओं को पुस्तकें, दलिया, पेन, फल एवं बैग आदि भेंट किए तथा प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक एवं अध्यापिकाओं को विद्यालय में पुस्तकालय हेतु 200 किताबें भी भेंट की।
इस अवसर पर सर्वप्रथम कुलाधिपति महोदया एवं अतिथियों द्वारा जल संरक्षण के महत्व हेतु प्रेरित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। सर्व प्रथम कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विशिष्ट अतिथि मंडवा प्रभाकर राव को मानद उपाधि हेतु बधाई दी तथा सभी उपाधि धारकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि छात्रों से अधिक छात्राओं ने पदक प्राप्त किए हैं जो नारी सशक्तिकरण का द्योतक है तथा ग्रामीण महिलाएं कृषि क्षेत्र एवं उससे संबंधित उद्योगों में आगे आ रही हैं। और वे आत्मनिर्भर हो रही हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि लागत को काम किया जाए तथा गौ आधारित प्राकृतिक खेती को अपनाया जाए। इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि बाजार से कृषि निवेश किसान भाई न खरीद कर स्वयं के तैयार किया हुआ निवेश प्रयोग करें।जिससे कृषि लागत कम हो। उन्होंने विद्यार्थियों को सीख देते हुए कहा कि पहले वे अपने स्वयं के खेती में कृषि की नवीनतम तकनीकों जैसे जैविक एवं गौ आधारित प्राकृतिक खेती को अपनाए। जिससे कि अन्य किसान सीख सके। बच्चों को पोषण युक्त आहार देने से कुपोषण की समस्या से निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा मुझे खुशी है हरित क्रांति में इस विश्वविद्यालय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। तथा शिक्षण, शोध एवं प्रसार कार्यों के नवाचारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि जी आर चिंताला पूर्व अध्यक्ष नाबार्ड ने सभी पदक व उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दी। उन्होंने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में कृषि निर्यात की काफी संभावनाएं हैं तथा कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी अधिक है। इसलिए छात्र छात्राएं कृषि क्षेत्र में नवाचार कर आगे बढ़े, जिससे उनका भविष्य उज्जवल हो और अपने विश्वविद्यालय के साथ ही माता पिता का भी नाम रोशन करें। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा लिखित चार पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। जिसमें शोध निदेशालय द्वारा लिखित वार्षिक प्रतिवेदन 2022-23, डॉ एनके शर्मा एवं ईं.जय किशन द्वारा लिखित एप्लीकेशन आफ आईओटी इन एग्रीकल्चर, डॉक्टर वाई के सिंह एवं डॉ बलबीर सिंह द्वारा लिखित ऑर्गेनिक फार्मिंग एवं डॉ शैलेंद्र प्रताप सिंह तथा डॉ नौशाद खान द्वारा लिखित मृदा विज्ञान की मूल अवधारणा पुस्तकों का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर नौशाद खान एवं डॉ श्वेता यादव ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर बोर्ड के सदस्य विधायक सुरेंद्र मैथानी, अर्चना पांडे एवं जिला प्रशासन के अधिकारी गण, सभी अधिष्ठाता गण, निदेशक गण, विभागाध्यक्ष एवं सभी संकाय उपस्थित रहे।